कैंसर-मधुमेह की जांच में फ‍िसड्डी है केजरीवाल की सरकार

कैंसर-मधुमेह की जांच में फ‍िसड्डी है केजरीवाल की सरकार

सेहतराग टीम

हाल ही में स्वास्थ्य मंत्रालय की एक रिपोर्ट आई है जिससे यह खुलासा हुआ है कि कैंसर, स्ट्रोक, दिल और मधुमेह जैसे रोगों का पता लगाने के लिए जरूरी स्क्रीनिंग में दिल्ली देश भर में सबसे पीछे है। दिल्ली की इस सुस्ती की वजह से केंद्र ने माइनस मार्किंग दी है। साथ ही राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के बजट में कटौती भी की है। वाबजूद इसके गैर संचारी रोगों को लेकर दिल्ली के हर व्यक्ति की निशुल्क जांच कराने पर राजधानी का स्वास्थ्य महकमा खामोश है।

मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि कुछ ही समय पहले सभी राज्यों को केंद्र की ओर से गैर संचारी रोगों पर एक गाइडलाइन भेजी गयी थी जिसका जिले से लेकर ब्लॉक स्तर तक पालन किया जाना है। दिल्ली एम्स सहित देश के तमाम विशेषज्ञों की सलाह पर ये गाइडलाइन तैयार की गयी हैं। इसके तहत 30 वर्ष की आयु के लोगों की निशुल्क जांच करना आवशयक है जिससे कि रोग के लक्षण नजर आने पर उनका बेहतर इलाज किया जा सके। लेकिन देखने वाली बात यह है कि दिल्ली में एक भी व्यक्ति की जांच नहीं हुई है।

रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली को -5 अंक दिए गए हैं। हर साल इस काम के लिए केंद्र की तरफ से लगभग 142 करोड़ रूपये मदद मिलती है। अब माइनस मार्किंग मिलने के बाद कुल इंसेंटिव का 25 फीसदी यानि 7.48 करोड़ रूपये कटौती कर दी गयी है।

वहीं दिल्ली एनएचएम के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य के मोहल्ला क्लीनिकों में सरकार स्वास्थ्य जांच सुविधाएं उपलब्ध करा रही है। दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में भी उपचार निशुल्क हो रहा है। हालांकि गाइडलाइन फॉलो न करने के पीछे स्पष्ट वजह इन्होंने भी नहीं बताई थी। वहीं एक अधिकारी ने यह भी बताया कि निचले स्तर पर ये सभी जांच आशा और एनएचएम द्वारकी जानी है और दिल्ली के पास पहले से ही कर्मचारियों की कमी है।

जन स्वास्थ्य में दिल्ली की कमियां और उपलब्धियां-

हेल्थ सिस्टम स्ट्रेंगथनिंग कंडीशनैलिटी रिर्पोट ऑफ़ स्टेट्स 2018-19 के अनुसार जनस्वास्थ्य के क्षेत्र में दिल्ली ने टीकाकरण में 94 प्रतिशत सफलता हासिल की है।  वहीं मानसिक रोगों को लेकर जिला स्तर पर चिकित्सीय सुविधाएं और ग्रामीण स्तर के अस्पतालों में संतोषजनक सेवाएं मिली है। लेकिन हाल ही में आई निति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार माइनस मार्किंग, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर न खोले जाने और गैर संचारी रोगों की जांच न किये जाने के कारण दिल्ली की परफॉरमेंस पर सवाल उठ रहे हैं।

दिल्ली को चेतावनी-

हालांकि अधिकारीयों ने बताया कि यह रेटिंग हर साल की जाएगी और इसके साथ ही दिल्ली को चेतावनी दी गयी है कि अगर दिल्ली में सुधार नहीं हुआ तो कटौती बढ़ा दी जाएगी। स्वास्थ्य विभाग अधिकारियों का कहना है कि एनएचएम बजट का इस्तेमाल कर्मचारियों के वतन से लेकर लोगों के स्वास्थ्य से जुडे कार्यों पर किया जाता है।

 

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